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पीएम मोदी की सोच ने बदली धार्मिक पर्यटन की तस्वीर, रिटेल ब्रांड ने भी इन शहरों का किया रुख

प्रकाशित 04/04/2024, 01:17 am
© Reuters.  पीएम मोदी की सोच ने बदली धार्मिक पर्यटन की तस्वीर, रिटेल ब्रांड ने भी इन शहरों का किया रुख

नई दिल्ली, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। दुनियाभर के देश धार्मिक पर्यटन के जरिए अपने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने पर जोर देते रहे हैं। इसी का नतीजा रहा है कि दुनिया के जिन भी देशों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है, वहां निवेश की संभावना बढ़ने के साथ ही रोजगार के भी नए अवसर पैदा हुए हैं।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से राम मंदिर बनने के बाद देश के सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं को अयोध्या की तरफ लाने की तैयारी है। इसको लेकर मानना है कि मंदिर में हर महीने 1 करोड़ श्रद्धालु आएंगे यानी साल में 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। सरकार की तरफ से केवल अयोध्या नगरी के विकास पर ही 850 अरब रुपए खर्च किया जाना है।

अयोध्या के विकास के साथ ही यहां 73 नए होटलों का निर्माण पाइपलाइन में है। आईएचसीएल, मैरियट इंटरनेशनल होटल की चेन निर्माण के लिए करार भी कर चुकी है। जबकि, आईटीसी (NS:ITC) की तरफ से यहां संभावना तलाशी जा रही है। वहीं, ओयो 1,000 कमरे को अपनी चेन में जोड़ने जा रही है। ऐसे में यह लग रहा है कि अयोध्या तीर्थयात्रियों को रिझाने के मामले में देश के अन्य घरेलू आध्यात्मिक केंद्र को भी पीछे छोड़ने जा रहा है।

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लेकर 20 मार्च के बीच ही यहां लगभग 1 करोड़ 12 लाख श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए आ चुके हैं। इस आंकड़े को इस नजर से समझिए की जहां वर्ष 2022 में 2 करोड़ 21 लाख से ज्यादा पर्यटक पूरे साल में यहां पहुंचे थे। वहीं, महज दो महीने में ही यहां 1 करोड़ 12 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आ चुके हैं।

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ऐसे में रिटेल ब्रांड के कारोबार से जुड़ी कंपनियों ने धार्मिक शहरों में बढ़ते पर्यटन का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। यहां आने वाले तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये अपनी सुविधाओं और सेवाओं का विस्तार कर रहे हैं।

अयोध्या, अजमेर, कटरा, सोमनाथ, शिरडी, मथुरा, बोधगया और मदुरै जैसे शहरों में ब्लैकबेरी और मान्यवर जैसे ब्रांडों का प्रवेश हुआ है। एक तरफ सरकारी पहल और दूसरी तरफ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के बढ़ने से विभिन्न क्षेत्रों की ब्रांड कंपनियां तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष तैयारी कर रही हैं।

रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई की मानें तो अमृतसर, पुरी, तिरुपति और अजमेर के तीर्थयात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ये रिटेल ब्रांड अपने उत्पाद भी पेश कर रहे हैं। सीबीआरई के रिपोर्ट की मानें तो भारत के 14 प्रमुख शहरों में आध्यात्मिक पर्यटन में वृद्धि का लाभ ये रिटेल ब्रांड उठा रही हैं।

इस रिपोर्ट में अमृतसर, अजमेर, वाराणसी, कटरा, सोमनाथ, शिरडी, अयोध्या, पुरी, तिरुपति, मथुरा, द्वारका, बोधगया, गुरुवयूर और मदुरै को रिटेल ब्रांड के प्रमुख शहरों के रूप में पहचाना गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अयोध्या में मान्यवर, रिलायंस (NS:RELI) ट्रेंड्स, रेमंड्स, मार्केट99, पैंटालून, डोमिनोज, पिज्जा हट और रिलायंस स्मार्ट ने अपने रिटेल स्टोर खोले हैं।

मान्यवर, रिलायंस ट्रेंड्स, ज़ूडियो, पैंटालून, शॉपर्स स्टॉप, बर्गर किंग, डोमिनोज, पिज्जा हट, मैकडॉनल्ड्स, स्पेंसर, रिलायंस स्मार्ट, क्रोमा और रिलायंस डिजिटल वाराणसी में अपना बिजनेस चला रहे हैं। सीबीआरई ने कहा, "भारत में आध्यात्मिक पर्यटन का तेजी से विस्तार देश के आस्था-आधारित पर्यटन बाजार के विकास को प्रेरित कर रहा है।"

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रिपोर्ट में कहा गया कि पर्यटन को बढ़ावा देने और तीर्थ स्थलों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करने की सरकार की पहल की वजह से इस विकास को और बढ़ावा मिल रहा है।

फैशन, परिधान, खानपान, पेय पदार्थ, हाइपरमार्केट, होमवेयर, डिपार्टमेंटल स्टोर और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड यहां आए तीर्थयात्रियों की जरूरतों के अनुसार तैयारी करके अपनी सेवा का विस्तार कर रहे हैं। ऐसे में आध्यात्मिक पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता से प्रेरित होकर, रिटेल ब्रांड बाजार की क्षमता का लाभ उठाने के लिए आ रहे हैं।

आंकड़ों की मानें तो दुनिया में ईसाई समुदाय के सबसे बड़े धार्मिक केंद्र वेटिकन सिटी में साल भर में करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं। जबकि, मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े आस्था के केंद्र मक्का मदीना में हर साल तीन करोड़ से भी ज्यादा लोग पहुंचते हैं। वहीं, सिख समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल स्वर्ण मंदिर में हर साल देश-विदेश से साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। जबकि, काशी विश्वनाथ वाराणसी जो हिंदू समाज के लिए धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र है, यहां काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद 2022 में करीब 7 करोड़ भक्त आए थे।

--आईएएनएस

जीकेटी/

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