चेन्नई - यूनियन बैंक के एक पूर्व प्रबंधक और उनकी पत्नी को बैंक धोखाधड़ी के लिए कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है, जिसके कारण बैंक को काफी नुकसान हुआ है। चेन्नई कोर्ट का फैसला लंबी जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद आया है।
यूनियन बैंक की सोकार्पेट शाखा के पूर्व प्रबंधक के भास्कर राव को पांच साल की सजा मिली और उन पर 10.76 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। उनकी पत्नी के सैलजा को तीन साल की जेल की सजा और 37,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। दंपति को धोखाधड़ी करने का दोषी पाया गया, जिसके परिणामस्वरूप 2007 और 2009 के बीच यूनियन बैंक को 4.10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 31 जुलाई 2009 को मामले की सुनवाई की और बाद में 9 अगस्त, 2010 को आरोप पत्र दायर किया। यह सजा एक ऐसे मामले के समापन को चिह्नित करती है, जो एक दशक से अधिक समय तक चला है, जो बैंकिंग क्षेत्र के भीतर वित्तीय कदाचार के परिणामों को उजागर करता है। कठोर कारावास की सजा अपराध की गंभीरता और बैंक धोखाधड़ी पर न्यायपालिका के रुख को दर्शाती है।
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