iGrain India - नई दिल्ली। भारत ब्रांड चावल की बिक्री जारी रहने तथा व्यापारियों स्टॉकिस्टों का माल नियमित रूप से बाजार में आने के कारण घरेलू बाजार में इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। सरकार ने व्यापारियों एवं राइस मिलर्स को प्रत्येक शुक्रवार को अपने पास उपलब्ध धान चावल के स्टॉक की घोषणा करने का सख्त निर्देश दे रखा है। और बासमती सफ़ेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर जुलाई 2023 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। खरीफ कालीन धान से निर्मित चावल की अच्छी आपूर्ति हो रही है जबकि अगले महीने से कई राज्यों में रबिकालीन धान के नए माल की आवक शुरू होने वाली है। हालांकि खुले बाजार बिक्री योजना (ओ एम एस एस ) के तहत सरकार को चावल बेचने में ज्यादा सफलता हासिल नहीं हो सकी। मगर भारत ब्रांड चावल की खुदरा बिक्री बेहतर होने की उम्मीद है क्योंकि इसका दाम 29 रुपय प्रति किलो नियत किया गया है। यह बाजार में प्रचलित भाव से कुछ कम हैं।
चावल की सरकारी खरीद पिछले साल से करीब 7.5 प्रतिशत कम हुई है लेकिन फिर भी केंद्रीय पूल में इसका पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और इसके सहारे सरकार घरेलू बाजार में जरूरत पड़ने पर प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप कर सकती है। सरकारी सख्ती के कारण वैसे 21 बाजार में नरमी की धारणा लगती जा रही है। इतना तो निश्चित है कि आम चुनाव समाप्त होने तक इस सख्ती को सरकार को बरकरार रखा जायेगा। सरकार चावल के दाम को नियंत्रित रखने का हरसंभव प्रयास करेगी। पिछले कई महीनो से चावल की कीमतों में तंगी-मंजबूती का माहौल बना हुआ था मगर पिछले एक माह के दौरान इसमें 10-15 प्रतिशत की गिरावट आयी है।
उधर केरल सरकार ने 'शबरी के चावल' की बिक्री शुरू की है जो प्रांतीय एजेंसी के आउटलेट्स पर 29 रूपए एवं 30 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध होगा। सुशंधित गोविन्द भोग चावल का दाम भी थोक बाजार में 65 रूपए प्रति किलो से घटकर 55 रूपए प्रति किलो पर आ गया है।