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राज्यों को एमएसपी पर गेहूं की खरीद जल्दी शुरू करने हेतु आवश्यक तैयारी का निर्देश

प्रकाशित 12/02/2024, 08:59 pm
राज्यों को एमएसपी पर गेहूं की खरीद जल्दी शुरू करने हेतु आवश्यक तैयारी का निर्देश
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iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल घटते स्टॉक को देखते हुए सरकार ने किसानों से इसकी खरीद बढ़ाने का निर्णय लिया है और इसलिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में इसके लिए आवश्यक तैयारी जल्दी से जल्दी आरंभ करने के लिए कहा है।

दरअसल भारतीय खाद्य निगम के पास गेहूं के उपलब्ध स्टॉक में लगातार तेजी से गिरावट आ रही है और 1 अप्रैल तक यह घटकर न्यूनतम अनिवार्य बफर स्टॉक के आसपास सिमट जाने की संभावना है।

केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्यों- पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान की सरकार को किसानों का रजिस्ट्रेशन आरंभ करने तथा गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा गया है।

सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए  2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है। 

उल्लेखनीय है कि औपचारिक तौर पर गेहूं की सरकारी खरीद का सीजन 1 अप्रैल से शुरू होता है लेकिन इस बार राज्यों को मार्च से ही खरीद प्रक्रिया आरंभ करने के लिए कहा गया है। इसके लिए आवश्यक तैयारी जल्दी से जल्दी शुरू करने की हिदायत दी गई है।

सरकार का इरादा केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक बढ़ाने का है जो 1 अप्रैल 2024 तक घटकर 74 लाख टन के आसपास रह जाने की संभावना है जो न्यूनतम अनिवार्य बफर स्टॉक है। इसका कारण यह है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आक्रामक ढंग से गेहूं की बिक्री की जा रही है।  

दिलचस्प तथ्य यह है कि इस बार उत्तर प्रदेश सरकार को 1 मार्च तथा मध्य प्रदेश सरकार को 15 मार्च से एमएसपी पर किसानों से गेहूं की खरीद शुरू करने के लिए कहा गया है।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य है जबकि पंजाब के बाद मध्य प्रदेश में केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की सर्वाधिक खरीद होती है। मध्य प्रदेश में इस बार गेहूं की खरीद पर न्यूनतम समर्थन  मूल्य से ऊपर अतिरिक्त बोनस देने का वादा किया गया है। 

पिछले दो रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान गेहूं की सरकारी खरीद नियत लक्ष्य से काफी कम हुई। 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन में केन्द्रीय पूल के लिए कुल 262 लाख टन गेहूं खरीदा गया जिसमें मध्य प्रदेश का योगदान 70 लाख टन से ज्यादा या करीब 27 प्रतिशत रहा।

केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने इस बार राजस्थान में 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने की स्वीकृति प्रदान कर दी है जो एमएसपी से 125 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है।

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