iGrain India - नई दिल्ली । मार्च-अप्रैल के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की बारिश काफी कम हुई थी मगर चालू माह (मई) में इसकी अच्छी रफ्तार देखी जा रही है। दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्र और इससे सटे पूर्व-मध्यवर्ती भाग में मानसून से पहले की वर्षा जारी है।
13 मई की सुबह तक तमिलनाडु एवं तेलंगाना के कई इलाकों में भारी से लेकर अत्यन्त भारी वर्षा हुई जबकि उड़ीसा, कर्नाटक, रॉयलसीमा एवं केरल में भी मूसलाधार बारिश दर्ज की गई।
गुजरात के कई क्षेत्रों में वर्षा का जोर बना हुआ है जबकि महाराष्ट्र एवं पश्चिम बंगाल में भी पिछले सप्ताह अच्छी वर्षा हुई। इसके फलस्वरूप उन क्षेत्रों में न तपती धूप से लोगों को राहत मिली और पेयजल का संकट आंशिक रूप से दूर हुआ बल्कि जायद फसलों को भी फायदा होने की खबर मिल रही है।
मौसम विभाग के अल्पकालीन एवं मध्यमकालीन अनुमान से पता चलता है कि आगामी कुछ दिनों के लक्ष्यद्वीप, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों एवं दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम वर्षा होगी।
18 मई से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में मानसून प्रवेश कर सकता है और इसके परिणाम स्वरूप वहां बारिश की तीव्रता और सघनता में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार मालद्वीप, श्रीलंका एवं कोमोरीन में जिस तरह के हालात बन रहे हैं उसे देखते हुए भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सही समय पर पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है।
मालद्वीप में मानसून सक्रिय हो चुका है और श्रीलंका तक शीघ्र ही इसकी पहुंच होने वाली है। इसके साथ-साथ अंडमान सागर के ऊपर मानसून आ सकता है।
मौसम विभाग का मानना है कि 18-19 मई तक मानसून अंडमान सागर एवं बंगाल की खाड़ी के कुछ भाग के ऊपर सक्रिय हो जाएगा।
केरल के सुदूर दक्षिणी भाग-कालीकट तट पर यह अपने नियत समय (1 जून) पर पहुंच सकता है। चालू वर्ष के दौरान देश में सामान्य स्तर से अधिक मानसूनी वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।