iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था-कॉटन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान देश से रुई का निर्यात करीब 27 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।
एसोसिएशन के मुताबिक 2022-23 सीजन के दौरान देश से 22 लाख गांठ रुई का निर्यात हुआ था। एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि आयातक देशों में भारतीय रुई की मांग बढ़ गयी है क्योंकि इसका भाव अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य से करीब 8-10 प्रतिशत नीचे चल रहा है।
दिसंबर 2023 से मार्च 2024 के दौरान भारतीय रुई का दाम काफी आकर्षक स्तर पर रहा जिससे चीन, बांग्लादेश एवं वियतनाम के आयातकों ने इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाई।
वर्तमान समय में भी इसकी अच्छी मांग देखी जा रही है। एसोसिएशन ने 2023-24 के दौरान मौजूदा मार्केटिंग सीजन के दौरान 309.7 लाख गांठ कपास के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है जो 2022-23 सीजन के अनुमानित उत्पादन 318.90 लाख गांठ से 9.20 लाख गांठ कम है।
एसोसिएशन के अनुसार अप्रैल 2024 के अंत तक कुल 315.86 लाख गांठ कपास की आपूर्ति हुई जिसमें घरेलू उत्पादन के साथ-साथ 5 लाख गांठ का आयात तथा 28.90 लाख गांठ का पिछला बकाया स्टॉक भी शामिल था।
इसमें से अप्रैल के अंत तक 192.50 लाख गांठ रुई का घरेलू उपयोग हुआ और 21.50 लाख गांठ का निर्यात किया गया। अप्रैल की समाप्ति के समय करीब 101.86 लाख गांठ रुई का बकाया स्टॉक मौजूद था।
इसमें टेक्सटाइल मिलों के पास मौजूद 40.50 लाख गांठ का स्टॉक भी शामिल था जबकि शेष स्टॉक भारतीय कपास निगम (सीसीआई), महाराष्ट्र फेडरेशन, बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं व्यापरियों आदि के पास था। 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में कपास की उपलब्धता 359 लाख गांठ आंकी गयी है।