iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान जीरा की कीमतों में तेजी रही। हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में जीरा उत्पादन अधिक होने के समाचार हैं लेकिन भाव काफी घट जाने के कारण मंडियों में जीरे की आवक आशानुरूप नहीं बन पाई। क्योंकि घटे भावों पर किसानों ने माल रोकना शुरू कर दिया है। कमजोर आवक एवं घटे भावों पर मांग बढ़ने के कारण चालू सप्ताह के दौरान वायदा एवं हाजिर बाजारों में जीरे की कीमतों में तेजी का दौर बना रहा। सूत्रों का मानना है कि भाव न्यूनतम स्तर पर आ जाने के कारण अब कीमतों में अधिक मंदा संभव नहीं है। आगामी दिनों में निर्यातकों की अच्छी मांग के कारण भाव मजबूत बने रहेंगे। वर्तमान में निर्यातकों के अलावा लोकल स्टॉकिस्टों की लिवाली भी बाजार में अच्छी बनी हुई है।
हाजिर बाजार
उत्पादक केन्द्रों की मंडियों में आवक न बढ़ने एवं हाजिर में बढ़ती मांग के कारण चालू सप्ताह के दौरान ऊंझा मंडी में जीरे का भाव क्वालिटीनुसार 205/280 रुपए से तेजी के साथ 210/290 रुपए प्रति किलो पर बोला गया। जबकि दैनिक आवक 20/22 हजार बोरी की दैनिक की रही। गोंडल एवं राजकोट मंडी में भी जीरा के भाव 8/10 रुपए प्रति किलो तेजी के साथ बोले गए। आवक आशानुरूप न होने के कारण राजस्थान की मेड़ता मंडी में भी जीरा का भाव 210/280 रुपए से तेजी के साथ सप्ताहांत में 220/290 रुपए पर बोला गया। जोधपुर, नागौर, नौखा मंडी में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतें 10/12 रुपए प्रति किलो तक तेजी के साथ बोली गई। उत्पादक केन्द्रों के तेज समाचारों के चलते खपत केन्द्रों पर भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतें 10/15 रुपए प्रति किलो तेजी के साथ बोली गई।
वायदा बाजार
वायदा बाजार में भी चालू सप्ताह के दौरान जीरे की कीमतें तेजी के साथ बंद हुई है। वायदा में मई माह का जीरा 22610 रुपए खुलने के पश्चात ऊपर में 25140 रुपए बन गया था जबकि बंद 24250 रुपए पर हुआ। जून माह का जीरा 22265 रुपए खुला था जोकि ऊपर में 24775 रुपए बन जाने के पश्चात 23720 रुपए पर बंद हुआ।
आवक कम
हालांकि इस वर्ष देश में जीरे की पैदावार गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार है लेकिन अधिक पैदावार के बावजूद मंडियों में आवक आशानुरूप नहीं बढ़ी। शुरूआती दौर एक बार ऊंझा मंडी में जीरे की आवक 50/55 बोरी दैनिक की बन जाने के पश्चात आवक में लगातार गिरावट आ रही है। वर्तमान में ऊंझा मंडी में जीरे की दैनिक आवक 20/25 बोरी की दैनिक हो रही है। राजस्थान की मेड़ता, नागौर मंडी में भी आवक 4/5 हजार बोरी की है जोकि पैदावार को देखते हुए काफी कम है। सूत्रों का कहना है कि भाव काफी घट जाने के कारण किसानों ने जीरा का स्टॉक रोक लिया है जोकि भाव बढ़ने के पश्चात बाजार में बिकवाली करेंगे। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष के 620/630 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड भाव किसानों ने देखे हैं। जनवरी वर्तमान में मंडियों में भाव 210/260 रुपए पर बोले जा रहे हैं।
उत्पादन
गत वर्ष रिकॉर्ड कीमतें बन जाने के कारण चालू सीजन के लिए गुजरात एवं राजस्थान में जीरे की रिकॉर्ड बिजाई की गई। बिजाई के पश्चात मौसम भी फसल के अनुकूल रहा। जिस कारण से इस वर्ष देश में जीरा का उत्पादन एक करोड़ बोरी से अधिक होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 50/55 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का माना गया था।
मंदा तेजी
बाजार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान हाल-फिलहाल जीरा कीमतों में अधिक मंदा तेजी नहीं रहेगा। वर्तमान भावों में 5/10 रुपए का मंदा तेजी चलता रहेगा। क्योंकि भाव बढ़ने के पश्चात मंडियों में जीरे की दैनिक आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी। जिस कारण से बढ़ते भावों पर अंकुश लगेगा। लेकिन अब अधिक मंदा भी संभव नहीं है। क्योंकि अधिक उत्पादन का बाजार में मंदा आ चुका है।
निर्यात
गत सीजन में जीरा कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने के कारण जीरा का निर्यात प्रभावित हुआ। जिस कारण से चालू सीजन 2023-24 के प्रथम 10 माह के दौरान जीरा निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जनवरी 2024 के दौरान जीरा का निर्यात 120136.58 टन का किया गया। जबकि अप्रैल-जनवरी - 2023 में निर्यात 154806.65 टन का हुआ था। वर्ष 2022-23 के दौरान जीरे का कुल निर्यात 186508.79 टन क किया गया था। जबकि वर्ष 2021-22 (अप्रैल-मार्च) में निर्यात 216970.69 टन का हुआ था।