पहली तिमाही के दौरान मसालों के निर्यात में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि

iGrain India

प्रकाशित 19 जुलाई, 2025 23:12

पहली तिमाही के दौरान मसालों के निर्यात में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि

पहली तिमाही के दौरान मसालों के निर्यात में 6.2 प्रतिशत की वृद्धि

iGrain India - नई दिल्ली। तमाम चुनौतियों, बाधाओं और प्रतिस्पर्धा के बावजूद भारत से मसालों का शानदार निर्यात जारी है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसे काफी पसंद भी किया जाता है।

केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2025 के दौरान मसालों के निर्यात से प्राप्त आमदनी बढ़कर 1156 मिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच गई जो वर्ष 2024 के इन्हीं महीनों की निर्यात आय 1088 मिलियन डॉलर से 6.2 प्रतिशत अधिक रही। यद्यपि पूरी तिमाही की निर्यात आय में वृद्धि हुई मगर जून में इसमें कुछ गिरावट दर्ज की गई।

जून 2024 में मसालों की निर्यात आय 320.07 मिलियन डॉलर रही थी जो जून- 25 में 2.26 प्रतिशत गिरकर 312.85 मिलियन डॉलर पर अटक गई। मिलियन 10 लाख के समतुल्य होता है।

ऐप प्राप्त करें
Investing.com ऐप का रोज़ाना प्रयोग करके लाखों लोगों से जुड़ें एवं वैश्विक वित्तीय बाज़ारों के शीर्ष पर रहें।
अभी डाउनलोड करें

इससे पूर्व अप्रैल-मई के दौरान मसालों की निर्यात आमदनी पिछले साल के 768.82 मिलियन डॉलर से 9.7 प्रतिशत बढ़कर इस वर्ष 843.60 मिलियन डॉलर पर पहुंची थी। 

अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम के अध्यक्ष का कहना है कि पिछले साल की तुलना में वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश से मसाला तेलों, मसाला मिक्स, लालमिर्च तथा बीजदार मसालों के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई।

दरअसल अमरीका में जुलाई से टैरिफ बढ़ने की आशंका से इन मूल्य संवर्धित मसाला उत्पादों का निर्यात बढ़ गया। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए भी साबुत मसालों एवं मसाला उत्पादों के निर्यात का परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है।

यह देखना आवश्यक होता है कि 1 अगस्त के बाद अमरीका की टैरिफ नीति कैसी रहती है। यदि वहां ब्राजील, वियतनाम, इंडोनेशिया एवं अन्य ऐसे देशों पर ऊंचे स्तर का टैरिफ लगाया गया जो मसालों की अच्छी आपूर्ति करते हैं तो भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता वहां स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी। 

इस बार भारत में मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल बनी हुई है जिससे मसालों का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है। यदि वैश्विक बाजार की हालत अनुकूल बनी रही तो वित्त वर्ष 2024-25 के मुकाबले 2025-26 के दौरान मसालों के कुल निर्यात में 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।                              

वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।

साइन आउट
क्या आप वाकई साइन आउट करना चाहते हैं?
नहींहाँ
रद्द करेंहाँ
बदलाव को सुरक्षित किया जा रहा है