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प्रकाशित 12 जुलाई, 2025 01:11
हरियाणा में 2024-25 सीजन के दौरान कृषि फसलों के उत्पादन में मिश्रित रुख
iGrain India - चंडीगढ़। केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) का योगदान देने वाले एक अग्रणी राज्य- हरियाणा में 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के सीजन के दौरान कुछ जिंसों के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई लेकिन कुछ अन्य फसलों की पैदावार में गिरावट आ गई।
राज्य कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा में समीक्षाधीन अवधि के दौरान चावल का उत्पादन 69.88 लाख टन से सुधरकर 71.37 लाख टन तथा बाजरा का उत्पादन 12.98 लाख टन से बढ़कर 16.62 लाख टन पर पहुंचा लेकिन मक्का का उत्पादन 18 हजार टन से फिसलकर 16 हजार टन पर अटक गया
जबकि ज्वार का उत्पादन 10 हजार टन पर स्थिर रहा। हरियाणा में खरीफ कालीन दलहन फसलों का उत्पादन 19 हजार टन से बढ़कर 42 हजार टन पर पहुंच गया।
रबी सीजन की फसलों में 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के दौरान हरियाणा में गेहूं का उत्पादन 124.83 लाख टन से घटकर 116.24 लाख टन पर अटक गया मगर चना का उत्पादन 13 हजार टन से बढ़कर 30 हजार टन पर पहुंच गया। जौ का उत्पादन 47 हजार टन पर स्थिर रहा।
नकदी या औद्योगिक फसलों में समीक्षाधीन अवधि के दौरान गन्ना का उत्पादन तो 72.03 लाख टन से उछलकर 95.16 लाख टन पर पहुंचा मगर कपास (रूई) का उत्पादन 15.09 लाख गांठ से गिरकर 11.76 लाख गांठ पर अटक गया।
राज्य में खरीफ कालीन तिलहन फसलों का उत्पादन 8 हजार टन से बढ़कर 15 हजार टन पर पहुंचा मगर रबी कालीन तिलहन की पैदावार 13.45 लाख टन से घटकर 12.90 लाख टन पर सिमट गई। मालूम हो कि हरियाणा में रबी सीजन के दौरान सरसों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
वहां सूरजमुखी का उत्पादन 41 हजार टन से गिरकर 36 हजार टन रह गया मगर ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन 2 हजार टन से उछलकर 48 हजार टन पर पहुंच गया।
इसी तरह ग्वार का उत्पादन 2023-24 सीजन के 96 हजार टन से बढ़कर 2024-25 के सीजन में 1.61 लाख टन पर पहुंचा मगर फिर भी 2022-23 सीजन के शानदार उत्पादन 4.20 लाख टन से बहुत कम रहा।
हरियाणा में किसान खरीफ सीजन के दौरान मुख्यतः धान एवं ज्वार की खेती पर ध्यान देते हैं जबकि रबी सीजन में गेहूं और सरसों की खेती को प्राथमिकता देते है।
खरीफ सीजन के दौरान वहां बाजरा की भी अच्छी बिजाई होती है लेकिन दलहन फसलों के उत्पादन में वह बहुत पीछे रह जाता है। फिलहाल वहां खरीफ फसलों की खेती का अभियान जोर-शोर से जारी है।
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