वर्ष 2047 तक मक्का का उत्पादन 860 लाख टन पर पहुंचने का लक्ष्य

iGrain India

प्रकाशित 07 जुलाई, 2025 23:36

वर्ष 2047 तक मक्का का उत्पादन 860 लाख टन पर पहुंचने का लक्ष्य

वर्ष 2047 तक मक्का का उत्पादन 860 लाख टन पर पहुंचने का लक्ष्य

iGrain India - नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि मक्का का घरेलू उत्पादन 423 लाख टन के वर्तमान स्तर से दोगुना से बढ़ाकर वर्ष 2024 तक 860 लाख टन पर पहुंचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया है और उसे हासिल करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। इसके तहत खासकर मक्का की औसत उपज दर में भारी बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

कृषि मंत्री ने मक्का की ऐसी ऊंची उपज दर काफी उन्नत किस्मों के विकास का आहवान किया है जिसमें स्टार्च की मात्रा अधिक मौजूद है। 

उद्योग संस्था- फिक्की द्वारा आयोजित 11 वें मक्का सम्मेलन को संशोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान समय में दुनिया का पांचवां सबसे प्रमुख मक्का उत्पादक देश है। यहां मक्का की खेती तीन सीजन में और विशाल क्षेत्रफल में होती है लेकिन उत्पादकता दर अपेक्षाकृत नीचे रहती है।

ऐप प्राप्त करें
Investing.com ऐप का रोज़ाना प्रयोग करके लाखों लोगों से जुड़ें एवं वैश्विक वित्तीय बाज़ारों के शीर्ष पर रहें।
अभी डाउनलोड करें

कृषि मंत्री के मुताबिक देश में जीएम बीज का उपयोग किए बगैर मक्का की उपज दर बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत में जीएम मक्का के उत्पादन, आयात, कारोबार एवं उपयोग पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन इसके बावजूद इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज की औसत उपज दर एवं कुल पैदावार में जोरदार बढ़ोत्तरी की गुंजाईश है जिसके लिए सभी सम्बन्ध पक्षों को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। 

कृषि मंत्री के मुताबिक भारत में राष्ट्रीय स्तर पर मक्का की औसत उपज दर 3.7 टन प्रति हेक्टेयर रहता है। पश्चिमी बंगाल एवं बिहार जैसे राज्यों में उपज दर राष्ट्रीय औसत से ऊंची रहती है मगर अन्य प्रांतों में इसका प्रदर्शन उत्साहवर्धक नहीं है इसलिए उसे बढ़ाने की आवश्यकता है।

हालांकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा मक्का की 265 किस्मों का विकास किया जा चुका है जिसमें 77 हाइब्रिड एवं 35 बायो-फोर्टिफाइड किस्में भी शामिल है लेकिन यह पर्याप्त साबित नहीं हो रहा है। बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए अभी और काम किए जाने की जरूरत है। 

मक्का में स्टार्च का अंश (स्तर) बढ़ाना जरुरी है। वर्तमान समय में उत्पादित मक्का में करीब 65-70 प्रतिशत स्टार्च का अंश उपस्थित रहता है इसे कम से कम 72 प्रतिशत तक बढ़ाए जाने की आवश्यकता है

ताकि मक्का का बेहतर ढंग से उपयोग करने में सफलता मिल सके। भारत में हाल के वर्षों में मक्का के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है मगर साथ ही साथ इसकी मांग एवं खपत में भी जोरदार इजाफा हुआ है। पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों में मक्का का रकबा बढ़ाना जरुरी है।                   

वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।

साइन आउट
क्या आप वाकई साइन आउट करना चाहते हैं?
नहींहाँ
रद्द करेंहाँ
बदलाव को सुरक्षित किया जा रहा है